आजकल दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के चलते मुंह पर लगाने वाला मास्क और Personal Protective Equipment (PPE) Kit का उपयोग बहुत बढ़ गया है। इसमें जो डिस्पोजेबल प्रोटेक्टिव गाउन होता है उसके कपड़े के लिए कच्चा माल सिंथेटिक, आमतौर पर पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलिएस्टर, पॉलीइथाइलीन या कुछ इसी तरह का होता है। कभी-कभी ये गाउन प्लास्टिक की फिल्म या अन्य सामग्रियों से भी बनाए गए होते हैं जो तरल पदार्थों से अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन इसे पहन कर ज्यादा समय तक हम काम नहीं कर सकते क्योंकि इसे पहनकर गर्मी और पसीने से बहुत परेशानी होती है और डिस्पोजेबल होने के कारण इससे प्रदूषण भी बढ़ता है। अब आपको यह सवाल होगा कि क्या इस समस्या का समाधान भी कोई है? जी हां, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा लेकिन कमल का रेशमी कपड़ा बीमारियों और कीटाणुओं से बचाता है। Lotus silk fabric prevents diseases and germs.
कमल के फूलों की खेती कम्बोडिया में पीढ़ियों से की जाती है
हजारों साल पहले की बहुत सारी कलाएं और संस्कृतियां को हम भूल गए हैं या विलुप्त हो गई हैं। इनमें से एक कला है कमल के फूल की डंडी से निकलते फाइबर से सूत बनाकर कपड़े बनाने की कला। कमल के फूलों की खेती कम्बोडिया में पीढ़ियों से की जाती रही है। लेकिन अब तक इसकी खेती केवल फूलों को ध्यान में रखकर की जाती थी, इसके डंठल जैसी मूल्यवान चीजें पानी में छोड़ दी जाती थी। हालाकि यह सबसे बड़ी अज्ञानता और नुकसान था। अब इस विषय पर दुनिया भर के हेल्थ केयर से जुड़े विशेषज्ञों का ध्यान केंद्रित हुआ है।
दिल्ली से जमीनी मार्ग पर 4815 किलोमीटर और हवाई मार्ग से 3420 किलोमीटर दूर आए हुए कंबोडिया के स्थानीय लोग पारंपरिक ढंग से कमल के फूलों की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं।

Lotus fabric : वाटरप्रूफ और बारहमासी फैब्रिक्स
30 मीटर कपड़े के लिए सवा दो लाख कमल की डंठल
रुमाल जितना स्काफ बनाने में 4000 कमल की डंठल
कंबोडिया के अति पिछड़े इलाके में पुरुषों के साथ साथ महिलाओ की भी इस काम में समान हिस्सेदारी है। वे लोग इस काम को भगवान बुद्ध को अर्पण किए जाने वाले कमल के पुष्प के साथ जुड़े होने के कारण आस्था और निष्ठा से करते हैं।
कमल के फूल के पत्तों और टहनियों से अद्भुत कपड़े : दुनिया भर में लक्जरी डिजाइनरों द्वारा प्रशंसा
इको-फ्रेंडली क्राफ्ट के लिए जाने जाने वाली, फैब्रिक बनाने वाली कंपनी सैमाटो ने जब से कमल के फूल और उसके डंठल से नया फैब्रिक तैयार किया है तब से वो ज्यादा मशहूर हो गई है। कमल सिल्क कपड़े को उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र और यूनेस्को से मुहर मिली है। साथ ही दुनिया भर में लक्जरी डिजाइनरों द्वारा इसकी बहुत प्रशंसा की जा रही है।
दस वर्षों के अथक शोध के अंत में, यह कंपनी कमल के फूल के पत्तों और टहनियों की तर्ज से कपड़े बनाने में सफल हुए हैं। यही कारण है कि शमाटो ने दुनिया के पारिस्थितिक कपड़े बनाए हैं जिन्हें अद्भुत कहा जा सकता है, जिन्हें कमल सिल्क के कपड़े के रूप में जाना जाता है।
इन कपड़ों के उत्पादन के लिए पर्याप्त कच्चा माल यानी कमल के फूल और टहनियाँ उपलब्ध कराने के लिए कम्बोडिया के बट्टमबंग में कैम्पिंग पोय में बड़े कमल फार्म स्थापित किए गए हैं। यह वह स्थान है जहाँ कमल और टहनियाँ एकत्र की जाती हैं और रस्सी बनाने के लिए उनसे लंबी लकीरें खींची जाती हैं। जिसे हाथ से निकाला जाता है और कताई कमल फाइबर को मिलाया जाता है। जिसके माध्यम से गुणवत्ता वाले पारंपरिक हाथ से बुने हुए कपड़े बनाए जाते हैं। जिसे सिल कर पहना जा सकता है।
कंबोडिया के पिछड़े गांवों में कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास
कंपनी कम्बोडिया के पांच वंचित गांवों में कार्यशालाओं का संचालन करके कुशल कारीगरों को प्रशिक्षित कर रही है। कुशल कारीगरों से इन कमल कपड़ों के परिधानों की एक श्रृंखला तैयार करवा रही है। कंपनी ने इसके लिए कंबोडिया के फर्नोम क्रोम सीएम रेप में फार्म स्थापित किया है। इको-टेक्सटाइल कंपनी सैमाटो ने कंबोडिया के पिछड़े गांवों में कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास में कई तरह की गतिविधियाँ शुरू की हैं। यह कंपनी अपने लक्ष्य को हासिल करने में काफी हद तक सफल रही है और स्थानीय कारीगरों की मदद से ज्यादा से ज्यादा लक्ष हासिल करना चाहती है।
अंगकोर वाट मंदिर के पास लोटस फार्म में बड़े पैमाने पर उत्पादन
2009 में, इस कंपनी ने बट्टाम्बंग में कैम्पिंग पोयना झील में 15-हेक्टेयर साइट पर कमल के फूल लगाए। जो की इस कंपनी का पहला कमल खेत था। फिर 2013 में, अंगकोर वाट मंदिर के पास, इस कंपनी ने सीम रीप के एक और लोटस फार्म फ़र्नोम क्रोम में बड़े पैमाने पर उत्पादन और संयोजन कमल शुरू किया। उसी समय, इस कंपनी ने कमल के फूल के कपड़े के साथ-साथ पर्यटकों और खरीदारों के लिए लोटस फार्म खोलने के लिए अपने उत्कृष्ट उत्पादों को साझा करने का फैसला किया। शुरुआत मे इस कंपनी ने 50 से अधिक लोगों के साथ कंबोडिया से कमल की खेती करना प्रारंभ किया जो आज वहां के किसानों, स्पिनरों और बुनकरों को लाभान्वित कर रही है। हालाँकि फिरभी उनकी जरूरतों का केवल 10% ही पूरा होता है।
Lotus fabric के लिए कमल खेतों की संख्या मे बढ़ोतरी
कमल सिल्क के कपड़ों के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अब कमल खेतों की संख्या बढ़ाई जा रही है। कुशल कारीगर जो 500 कमल के कपड़े बना सकते हैं, उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस सुविधा का निर्माण करके, यह कंपनी इस उद्योग की अग्रणी बनने जा रही है। जो एक नए उच्च संभावित क्षेत्र में विविध नवाचार के साथ आगे बढ़ रहा है। स्थानीय स्तर पर, यह प्रभाव है कि कंबोडिया एक स्थायी सामाजिक स्थिति की ओर बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में वे अपने परिवार और अपने समुदाय के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान कर सकेंगे।
Lotus fabric के कुशल कारीगरों, महिलाओं की जिंदगी कमल की तरह खिल गई
इस कमल कपड़े की ख़ासियत यह है कि यह 100 प्रतिशत हाथ प्रसंस्करण द्वारा बनाया गया है। जिसके लिए पौधे से निकाले गए फाइबर से एक अनोखा सूत बनाया जाता है। कमल सिल्क फेब्रिक से अब कई कंपनिओ ने एक उचित व्यापार और नैतिक उद्योग का निर्माण किया है। इससे इस काम के कलाकारों को प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है। जैसे कमल कीचड़ में खिलता है। इस तरह तनाव में रहने वाली यहा की महिलाओं के लिए, दोहरी जिंदगी अतीत की बात बन गई है और कमल की तरह खिल गई है।
कंबोडिया के अलावा कमल सिल्क फैब्रिक का उत्पादन चाइना, वियतनाम, म्यानमार जैसे देशों में भी हो रहा है।
Lotus fabric कपड़ों के लिए ऑर्डर के एक साल बाद डिलीवरी
इस तरह के उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ किसी भी तरह के हानिकारक रसायनों से मुक्त होते हैं और पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पादों से बने होते हैं। उनके लिए वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है। इन कमल वस्त्रों के उत्पादन में किसी भी तेल, बिजली या गैस या जहरीले रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है। जिसके कारण इसके उत्पादन से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। यह कपड़े की इसी मुख्य कारण से अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में प्रसिद्ध डिजाइनरों के बीच काफी मांग है। इस कपड़े को पाने के लिए, मतलब कमल सिल्क के कपड़ों के लिए ऑर्डर देने के बाद कम से कम एक साल इंतजार करना होगा … !!!!! तब डिलीवरी मिलती है। जब की यह कपड़े सिंगापुर और हांगकांग में फोर टी और टंग्स स्टोर्स पर उपलब्ध है।
विश्व के सबसे खास कपड़ा
कपड़े आपके मूड और आत्मविश्वास को बदल सकते हैं। इस में भी विश्व के सबसे खास कपड़े जो की कमल के फेब्रिक से बना हो और सिल्क और लिनन से भी सॉफ्ट हो। जीसे पहनने से सर दर्द, गले की तकलीफ, गले के रोग एवं फेफड़े के और ह्रदय के रोग जैसी आरोग्य की समस्याओं पर रक्षा मिलती हो। जो सर्दियों में गर्मी का एहसास और गर्मियों में ठंडक देता हो। वजन में हल्का और प्राकृतिक रूप से वाटर प्रूफ है।
देश के मणिपुर राज्य में Lotus fabric का उत्पादन
हमारे लिए खुशी की बात यह है की देश के प्राकृतिक संपदा से पूर्ण मणिपुर राज्य में भी कमल सिल्क का उत्पादन शुरू हो गया है। स्थानीय महिलाओ को कमल फेब्रिक बनाने की कला सिखाकर विजया शांति नामक महिला ने मणिपुर के तलावों के कमल से कपड़े बुनने का कारोबार शुरू किया है। तो क्या आप इसे पहनना चाहेंगे? या फिर हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेट करना चाहेंगे?
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